ओवेरियन कैंसर: क्यों नजरअंदाज हो जाते हैं लक्षण?
ओवेरियन कैंसर महिलाओं के लिए एक साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बेहद आम होते हैं। यही वजह है कि इसे अक्सर पीरियड्स या पाचन संबंधी समस्या समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन यही लापरवाही आगे चलकर जान पर भारी पड़ सकती है।
🔴 ओवेरियन कैंसर के आम लक्षण
•लगातार ब्लोटिंग (पेट फूलना) जो कम न हो
•पेट या पेल्विक में दर्द जो बार-बार हो
•थोड़ी-सी मात्रा खाने पर भी जल्दी पेट भर जाना
•बार-बार या अचानक पेशाब की समस्या
•पीरियड्स में बदलाव, हैवी ब्लीडिंग या स्पॉटिंग
•लगातार थकान और कमजोरी
•अनजाने में वजन कम होना
👉 इन लक्षणों को हल्के में न लें। कई बार महिलाएं इन्हें पीरियड्स की सामान्य दिक्कत समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे कैंसर देर से पकड़ में आता है।
—
क्यों ओवेरियन कैंसर की पहचान में होती है देरी?
1. लक्षण बहुत सामान्य होते हैं
2. इन्हें हार्मोनल बदलाव या पेट की समस्या समझ लिया जाता है
3. शुरुआती जांच के लिए कोई सटीक टेस्ट उपलब्ध नहीं
4. महिलाओं में इस कैंसर के प्रति जागरूकता की कमी
—
किन महिलाओं को ज्यादा खतरा?
40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं
जिनके परिवार में ब्रेस्ट या ओवेरियन कैंसर का इतिहास हो
BRCA1 और BRCA2 जीन म्यूटेशन वाली महिलाएं
जिन महिलाओं के बच्चे नहीं हुए हों
एंडोमेट्रियोसिस का इतिहास रखने वाली महिलाएं
—
कैसे करें बचाव और समय पर पहचान?
👉किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें
👉नियमित गाइनेकोलॉजिकल चेकअप कराएं
👉हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट अपनाएं
👉अगर परिवार में कैंसर का इतिहास है तो जेनेटिक टेस्टिंग कराएं
ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर रोग है जिसे समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें –
ओवेरियन कैंसर जितनी जल्दी पकड़ा जाएगा, इलाज के उतने ही अच्छे नतीजे मिलेंगे।